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Friday, 1 January 2021

उसका ख़्वाब

उसका ख़्वाब कब मेरा
 हो गया पता ही नहीं चला
उसका हर एक गम कब मेरा
 हो गया पता ही नहीं चला
उसकी हर खुशी कब मुझसे
 जुड़ गई पता ही नहीं चला
उसकी पीड़ा कब आंसू बनकर मेरी 
आंखो से बहने लगी पता ही नहीं चला
उसकी हर एक तमन्ना कब मेरी
 हो गई पता ही नहीं चला
उसके जीवन का हर लक्ष्य कब
 मेरा हो गया पता ही नहीं चला
शकुंतला
अयोध्या (फैज़ाबाद)

2 comments:

  1. बहुत सुंदर l
    आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं l

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    Replies
    1. जी शुक्रिया आदरणीय आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो

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अनुरोध

मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....