उसका ख़्वाब कब मेरा
हो गया पता ही नहीं चला
उसका हर एक गम कब मेरा
हो गया पता ही नहीं चला
उसकी हर खुशी कब मुझसे
जुड़ गई पता ही नहीं चला
उसकी पीड़ा कब आंसू बनकर मेरी
आंखो से बहने लगी पता ही नहीं चला
उसकी हर एक तमन्ना कब मेरी
हो गई पता ही नहीं चला
उसके जीवन का हर लक्ष्य कब
मेरा हो गया पता ही नहीं चला
शकुंतला
अयोध्या (फैज़ाबाद)
बहुत सुंदर l
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं l
जी शुक्रिया आदरणीय आपको भी नव वर्ष मंगलमय हो
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