कई दफ़ा सोचा बतलाऊँ तुम्हें
अपने दिल की बात
बात जो नन्ही सी है
परंतु अर्थ उसका
क्षितिज तुल्य विशाल
मुझे तो केवल मलाल हैं इस बात का
न मैं कह सकी और न तुम समझ सके
जबकि अगल बगल के सभी लोग समझ गए
उस अनकही बात को
आज भी कभी जब
वह बात याद आती हैं
किसी तन्हा रैन को
रो लेती हूँ बस सोचकर यही
सबकी किस्मत में
दिल की बात पूरी होती नही
बात केवल इतनी सी हैं
यदि मिल जाते तुम मुझे
तो शायद........
मैं होती न इतनी अधूरी
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद ।
Translate
Saturday, 31 March 2018
अधूरी -अनकही बात
Subscribe to:
Posts (Atom)
भटका युवा
आज के युवा... बस उन्हें तो बाइक लड़की और हाथ में आईफोन बस इनकी मंजिल यही तक सीमित है....ये क्या जाने क्रांतिकारी क्या होता हैं 18 साल की छोट...
-
पथ वरण करना सरल है, पथिक बनना ही कठिन है। दुख भरी एक कहानी सुनकर, अश्रु बहाना तो सरल है। बांध कर पलकों में सावन, मुस्कुराना ही कठिन है...
-
खालीपन क्या होता हैं? ये किसी बूढ़ी मां से पूछो जो अपने बच्चों से मिलने की आस लगाए दरवाज़े पर बैठे रास्ता निहारती रहती हैं सोचती है क्या ये ...
-
इश्क की आग से दामन को बचाये रहिये ये तो वो खुशबू हैं इसे तन मन में बसाये रखिये उठाते हैं प्यार में जो नफ़रत की दीवारें आप उस दीवार को हमेश...