जी करता है मेरा
किसी अनाथ बच्चे को अपना लूँ
जी करता है मेरा
न होने दूँ किसी भी माँ का स्वर्गवास
जी करता है मेरा
हर भूखें को दूँ अपना निवाला
जी करता है मेरा
सभी बुज़ुर्गों की बनू मैं लाठी
जी करता है मेरा
मिटा दूँ भेदभाव का विचार सबके मन से
जी करता है मेरा
लगा दूँ फाँसी मै इस फैलते आतँकवाद को
जी करता है मेरा
मार डालू अपने देश के हर दुश्मन को
जी करता है मेरा
आज़ाद कर दूं पिंजड़े के हर पँछी को
जी करता है मेरा
सभी के जीवन से मिटा दूँ गम भर दूँ खुशियों को
जी करता है मेरा
भर जाए अन्न के भंडार न हो मौत किसी की भूख से
जी करता हैं मेरा
हो सभी के दिल में इज़्ज़त सभी के लिए
जी करता है मेरा
संसार की हर बेटी बने माता पिता का सहारा
जी करता है मेरा
विश्व की समस्त नारी हो जाये इतनी सक्षम न हो मोहताज किसी पुरूष की
जी करता है मेरा
हो जाये धरती माँ का कोना कोना धानी रंग का न करे आत्महत्या किसान कोई भी
जी करता हैं मेरा
दूँ सज़ा ऐसी हर वहशी के वहशीपन को की महफूज़ हो जाये विश्व की समस्त नारियाँ
शकुंतला
अयोध्या(फैज़ाबाद)