Translate

Friday, 21 May 2021

रोक लेना था मुझे

एक बार 
बस 
एक बार
रोक लेना था मुझे....
तुमने एक बार 
आवाज़ तो दी होती
मैं न रुकती
 तो
इसमें मेरी खता होती
मेरे कदम 
रुक रुक के
पड़ रहे थे
बस 
एक आवाज़ दे कर
रोक लेना था मुझे....
लगा कर
सीने से मुझे
बस इतना कह देते
मैं हूं न......
मैं सबकुछ छोड़कर
तुम्हारी हर 
खता भूलकर
एक नई शुरुआत करती मैं
पर 
जब मैंने मुड़कर देखा
तुम तो जा चुके थे
मैं इंतजार करती रह गई
रोक लेना था मुझे...
यह सुनने के लिए 
मैं हूं न....
शकुंतला
अयोध्या फैज़ाबाद


भटका युवा

आज के युवा... बस उन्हें तो बाइक लड़की और हाथ में आईफोन बस इनकी मंजिल यही तक सीमित है....ये क्या जाने क्रांतिकारी क्या होता हैं 18 साल की छोट...