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Friday 4 February 2022

मां वैभवी

विद्या की चाहत है तो विमूढ़ता का नाश कर,
विन्रमता की सीढ़ी चढ़ विद्या को प्राप्त कर।
पात्रता की आस है तो मां शारदे का ध्यान कर,
उसकी अनुकंपा से तू यशस्वी बन जायेगा।
शालीनता की कुंजी से तू पात्रता के द्वार खोल,
पात्रता के बल ही तू जग-प्रसिद्धि पाएगा।
वैभव की आस है तो मां वैभवी को याद कर,
उसी की प्रेरणा से तू धन अर्जित कर पाएगा।
विद्या की देवी मां सरस्वती का तू ध्यान कर,
जिसकी सुरताल सुन तू सद्मानव बन जायेगा।
शकुन्तला
अयोध्या (फैज़ाबाद)

कहाँ खो गई हो तुम

कहाँ खो गई हो तुम.... आज भी मेरी नज़रे तुम्हें तलाशती हैं....... वो मासूम सी बच्ची खो गई कही जिम्मदारियों के बोझ से , चेहरे की रौनक, आँखों की...