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Wednesday 24 February 2021

अजी सुनो देखो न !

अजी सुनो देखो न !
आज ये पूर्णमासी का चांद भी
कितनी तेजी से चमक रहा है 
जैसे कि वो भी खुश हो रहा है
हमारे मिलन का साक्षी बनकर
अजी सुनो देखो न!
आज ये पूर्णमासी का चांद भी
कितनी अटखेलियां कर रहा है
कभी बादलों के पीछे छिप जा रहा है
और झांक झांक के हमें निहारता है
अजी सुनो देखो न!
आज ये पूर्णमासी का चांद भी
हमें देख अपनी चांदनी की चमक
और भी तेजी से बढ़ा रहा है
जैसे वो भी हमें एक होता देखना चाहता हो
अजी सुनो देखो न!
आज ये पूर्णमासी का चांद भी
संग अपने पूरी तारों की
बारात लेकर आया है
हमें अकेला न महसूस हो ये जताने आया है
शकुंतला अयोध्या
 (फैज़ाबाद)

कहाँ खो गई हो तुम

कहाँ खो गई हो तुम.... आज भी मेरी नज़रे तुम्हें तलाशती हैं....... वो मासूम सी बच्ची खो गई कही जिम्मदारियों के बोझ से , चेहरे की रौनक, आँखों की...