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Friday, 5 January 2018

क्यों हो गई माँ तुम हृदय हीन

माँ तुम तो थी ममता की मूरत
आज क्यों हो गई माँ तुम हृदय हीन

रखा था जिसे अपनी कोख में नौ माह
आज क्यों किया दूर अपनी गोद से

दर्द सह कर जन्म दिया फिर आज क्यों न हुआ
तनिक सा भी दर्द खुद से कर दिया जुदा

जिस छाती का अमृत पिलाया
आज उसी सीने से दूर कर दिया

क्यों माँ तुझे मेरा मासूम सा चेहरा प्यारा नही
जो कर दिया आज खुद से किनारा

ऐसी क्या थी तेरी मज़बूरी जो छोड़ दिया
या मैं ही बन गई मजबूरी तेरी

क्या लड़की होना अभिशाप हैं मेरा
तू भी तो हैं माँ लड़की किसी की

सुना है माता नही होती कुमाता
कहीं कलयुग का तुझ पे असर तो नही

छोड़ गई माँ तुम मुझे इस अनजान शहर में
क्यो हो गई माँ तुम हृदय हीन
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद

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