मिलन जुदाई का क्या वास्ता
जिंदगी भी तो है एक रास्ता
जन्म से साथ चलने वाले दुखों से
खुशी का एक पल भी तो हैं एक रास्ता
तुझको तेरे अपनों का वास्ता
जो हुये न अपने उनसे क्या वास्ता
भीड़ या महफ़िल से क्या वास्ता
जो अकेला न तय कर सके रास्ता
धूप और छाँव का कब हुआ है मिलन
वैसे भी अब किस्मत पे अपनी हैं न आस्था
जिंदगी भी तो है एक रास्ता
जन्म से साथ चलने वाले दुखों से
खुशी का एक पल भी तो हैं एक रास्ता
तुझको तेरे अपनों का वास्ता
जो हुये न अपने उनसे क्या वास्ता
भीड़ या महफ़िल से क्या वास्ता
जो अकेला न तय कर सके रास्ता
धूप और छाँव का कब हुआ है मिलन
वैसे भी अब किस्मत पे अपनी हैं न आस्था
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद