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Wednesday, 13 December 2017

घर उजड़ गया तो बसाया न जाएगा

तेरा ख्याल दिल से भुलाया न जायेगा
उल्फ़त की जिंदगी को मिटाया न जाएगा

आँखों से दिल का हाल छुपाया न जाएगा
मेरे दिल की खुशी इस तरह न लूटिए

मज़बूरियों ने छीन ली मुझसे अगर ज़ुबाँ
आँसू कहेंगे दिल के उजड़ने की दास्ताँ

अच्छा नहीं है यू गरीबों से दिल्लग्गी
ये घर उजड़ गया तो बसाया न जाएगा
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद

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