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Monday 19 February 2018

गीत जिंदगी का

यू नहीं आँधियों से घबराइए
गीत जिंदगी का गुनगुनाते जाइये

देख कर हँसेंगी ये बेरहम दुनिया
आँसू आंख में न हरगिज़ लाइए

गुज़रेंगे लोग और भी इधर से
राह से काँटे हटाते जाइये

मंज़िल मिलेगी एक दिन ज़रूर आपको
कदम बस यूं ही बढ़ाते जाइये

सामना हो भी जाये गर दुश्मनों से तो
दोस्ती के रिश्ते हमेशा यूँ ही निभाते जाइये

ज़हरीली हुई हैं सुरा आजकल
आप निग़ाहों से पिलाते जाइये

ये बस्तियां भरी हैं नफरतों से
प्यार का सूरज यहाँ पर उगाईये
©®@शकुंतला  फैज़ाबाद

कहाँ खो गई हो तुम

कहाँ खो गई हो तुम.... आज भी मेरी नज़रे तुम्हें तलाशती हैं....... वो मासूम सी बच्ची खो गई कही जिम्मदारियों के बोझ से , चेहरे की रौनक, आँखों की...