ये अमावास की अंधेरी रातें
चिराग़ों से रोशन होती हैं
ये चांद भी फिका पड़ जाता हैं
इन लरजते चिराग़ों के सामने
मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....
Thank you
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