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Tuesday, 22 January 2019

यादें

यादें ही हैं जो हमारे जीने का सहारा होती हैं
ये यादें कुछ मीठी सी तो कुछ तीखी सी होती हैं

यादें कभी बहुत हँसाती तो कभी बहुत रूलाती हैं
ये यादें हमेशा हमारे सुख दुःख की गवाह होती हैं

यादें हमें जीवन के कठिन डगर पर चलना सीखती हैं
ये यादे पग-पग हमें सम्भलना आगे बढ़ना बताती हैं

यादें कभी दादा-दादी की प्यारभरी थपकी बन जाती हैं
ये यादें कभी कभी नाना नानी की सपनों सी सुनहरी कहानियां सुना जाती हैं

यादें कभी बचपन की हंसी ठिठोली नादानी मासुमियत बन जाती हैं
ये यादें हमसे हमेशा आंखमिचौली खेल जाती हैं

यादें हमें गुड्डे गुड़ियों की शादी में ले जाती हैं
ये यादें हमें मिट्टी के घरोंदों से बड़े बड़े सपने बुनना सीखती हैं

यादें हमें माँ की ममताभरी गोदी सुरीली लोरी सुना जाती है
ये यादें हमें हमारे जीवन में माँ की कमी हर पल महसूस करा जाती हैं

यादें हमें हमारे सम्पूर्ण जीवन का सार बताती हैं
ये यादें ही तो हमारे जिंदगी की धरोहर है हमारी आधारशिला हैं
शकुंतला
अयोध्या(फैज़ाबाद)

6 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना

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    1. शुक्रिया दी🌷🌷🌷🌷🌷

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  2. यादों की गलियां.. अविस्मरणीय
    सुंदर।

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    1. जी शुक्रिया🌷🌷🌷🌷

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  3. ... बहुत सुन्दर अहसास

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    Replies
    1. शुक्रिया संजय जी

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अनुरोध

मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....