सच ही कहा है किसी ने ....
मेरे घर आई एक नन्ही परी.....
सच में तुम परी ही तो हो...
तुम क्या आई मेरे जीवन में जीवन की दिशा ही बदल गई
मां से बढ़कर तो नही
पर मासी का ये रिश्ता होता हैं
बड़ा ही प्यारा सा दुलारा सा
नन्हें नन्हें कदमों से
प्यारी प्यारी खुशियां लाई तुम
घर अंगना हमारे
तेरी एक हंसी पर
न्यौछार मेरी सारी खुशियां
तेरे मांगने पहले ही रख दू
तेरी प्यारी प्यारी तोतली सी बातें
कर देती हैं दिल प्रफुलित
हर लेती हैं दिल का हर दर्द
भूल जाती हूं तुझे देख अपने सारे गम
तेरे प्यारे प्यारे मुख से
मासी मम्मा........ सुनकर
मन का मयूर नृत्य करने लगता हैं
और आत्म की तृप्ति हो जाती हैं
तुझमें ही हम सबकी जान बसती हैं
जब भी तुम आती हो घर में
हम भी जी लेते हैं बचपन अपना
तुझे देख तेरे नाना भी हो जाते हैं मगन
रंग जाते हैं तेरे ही रंग में
कभी तू सबको डांस सिखाती हैं
तो कभी तू बनकर डॉक्टर
करती हैं हमारे दुखो को
दूर हटाने का इलाज़
जब तू जाती है घर से
रहता है इंतजार सभी को
आने वाले इतवार का
तेरे प्यारे से मुखड़े को
जब भी निहारती हूं
तब आत्मा से निकलती हैं यही दुआ
तू हर पल यूंही रहे मुस्काती
लग जाए तुझे मेरी भी उमर
न तुझे लगे किसी की नज़र
तू पढ़े लिखे आगे बढ़े
जीवन में उन्नति करे और
तू अपने मां पापा का नाम
आकाश की ऊंचाईयों तक रौशन करे
और मेरे जीवन के आख़री पल में
तू मेरी आंखो के सामने रहे....
मेरी चूहियां मेरी आराध्या
शकुन्तला
सच । हमारे यहां एक कहावत है कि मां के बाद मासी ही सबसे ज्यादा बच्चे को लाड़ प्यार करती है, इतनी सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं शकुंतला जी ।
ReplyDeleteजी शुक्रिया आदरणीय जिज्ञासा जी
Deleteजी शुक्रिया आदरणीय
ReplyDeleteबेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteजी शुक्रिया आदरणीया
Deleteभावनाओं से ओतप्रोत बहुत ही प्यारी खूबसूरत रचना!
ReplyDeleteकुछ लोग होते ही अपने खाते कि उन्हें देखने मात्र से लबों पर मुस्कान आ जाती है!😍💓
मैंने भी अपने भाई पर एक ऐसी ही रचना लिखी है एक बार हमारे ब्लॉग पर आकर पढ़िएगा जरूर🙏
शुक्रिया मनीषा जी 🌹🌹
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻🙏🏻 धन्यवाद आदरणीया
Deleteशब्दों में बिखरता अपार स्नेह मन को निर्मल करती कृति।
ReplyDeleteसादर
शुक्रिया अनीता जी
Deleteमासी माँ जैसी वाकई माँ सा स्नेह
ReplyDeleteबहुत ही भावपूर्ण सृजन।
बहुत आभार आदरणीया सुधा जी
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