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Monday 24 January 2022

बेटीयां

मां-पिता के लिए औलाद ही नहीं आशीर्वाद होती हैं बेटियां 
हर मां की जान पिता का स्वाभिमान होती हैं बेटियां
भाई की कलाई पर रेशमी धागों का प्यार बुनती हैं बेटियां
दादा की लाठी तो दादी की दुलारी होती हैं बेटियां
नाना की मुनिया तो नानी की लाडली होती हैं बेटियां
हर घर की खुशहाली और जीने की वजह होती हैं बेटियां
घर में हो झगड़ा तो बड़ी समझदारी से सुलझाती है बेटियां
जीवन की हर मुश्किल घड़ी में साथ निभाती हैं बेटियां
भाई की खुशी के लिए अपने हक भी छोड़ देती हैं बेटियां
पिता के सम्मान के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती हैं बेटियां
अपने बचपन को छोड़ मायके से विदा हो दूसरे के घर की इज्जत बन जाती हैं बेटियां
ईश्वर से दुआ करती हूं हर पल मुस्कुराती खिलखिलाती रहे ये बेटियां 
शकुन्तला 
(अयोध्या)फैज़ाबाद

2 comments:

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

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    1. बहुत आभार आदरणीया

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