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Sunday, 26 May 2024

अनुरोध

मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....आज मैं सभी नारी शक्ति से एक अनुरोध करना चाहती हूं...... जिस तरह से धरती पेड़ विहीन 🪵होती जा रहीं हैं आज हम सड़क पर चलते हैं तो पेड़ की छांव को तरस रहे हैं कल को हम पानी के लिए भी ऐसे ही तरसेंगे हमारी आने वाली पीढ़ी को हम क्या सौगात देंगे ये बंजर धरती, मरुस्थल,ये कंक्रीट के जंगल, हमारे बच्चे कितनी देर तक जी पायेंगे आने वाले समय में जब सूर्य की किरणे 60° तापमान से धरती को तपायेंगी तो सोचिए क्या होगा हमारे नाजों से पले बच्चों का जिनको हम इतनी नजुकता से पालते हैं हर जगह AC AC की सुविधा देते हैं.. आखिर कब तक इस झूठे वातावरण में उन्हें हम पालेंगे... जब तक वो इस सच्चाई से रूबरू होंगे तब तक बहुत देर हो चुकी होगी .... इसीलिए आज से क्या अभी से हम कम से कम पांच पेड़ जरूर लगाए...स्त्रियां अगर चाह ले तो हम अपनी बंजर होती धरती को फिर से हरा भरा कर सकती हैं अपने लिए न सही अपने जान से प्यारे बच्चों की जान की हिफाज़त के लिए ही सही हम प्रण करे कि हमें धरती को फिर से जीवनदायनी बनाना है उसे फिर से हरा भरा करना है 🙏🙏🌳🌲🌳🌳🌳🌲🌲🏞️🌨️🌧️

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अनुरोध

मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....