दर्द रोने से दूर होता नही,शब्द इनको बना लो तो कुछ बात हो
पीर के मेघा पलकों में छाए मगर, अश्रु मोती के किंचित धरा पर गिरे
पीर के मेघा पलकों में छाए मगर, अश्रु मोती के किंचित धरा पर गिरे
नेह के दीप को बुझने न दो,पथ में चाहें जितना अंधेरा घिरे
ऐसे मुस्काओ कि उपवन में कलिया खिले,ऐसे झुमों की मरुस्थल में बरसात हो
ऐसे मुस्काओ कि उपवन में कलिया खिले,ऐसे झुमों की मरुस्थल में बरसात हो
हर्ष हैं कष्ट से छाँव हैं धूप से,जिंदगी वस्तुतः इक संघर्ष है
यह कसौटी परम सत्य का साक्ष्य हैं, दाह स्पर्श में स्वर्ण उत्कर्ष हैं
यह कसौटी परम सत्य का साक्ष्य हैं, दाह स्पर्श में स्वर्ण उत्कर्ष हैं
जिंदगी एक शतरंजी बिसात हैं, ऐसे खेलो इसे मौत की मात हो
सबको आलोक दो अपने व्यक्तित्व का, सूर्य जैसे भले ताप से तुम जलो
सबको आलोक दो अपने व्यक्तित्व का, सूर्य जैसे भले ताप से तुम जलो
लोक कल्याण बड़ा धर्म हैं, मान कर के यही लक्ष्य तुम चलो
ऐसे आवाज़ दो हर दिवस छन्द हो,ऐसे गाओ की नवनीत सी रात हो
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद
ऐसे आवाज़ दो हर दिवस छन्द हो,ऐसे गाओ की नवनीत सी रात हो
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद
Bahut sunder
ReplyDeleteMan ko bha gai aap ki rachna
शुक्रिया नीतू जी आपको मेरी कविता पसन्द आई
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 13दिसंबर2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया पम्मी जी.... आपको मेरी रचना पसन्द आई हम धन्य हुए ।मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत आभार
Deleteदर्द रोने से दूर नहीं होता इनको शब्द बना लो तो कुछ बात है.. सारगर्भित पंक्ति ... आशाओं का नवसंचार करती प्रभावशाली रचना.. बधाई एवं शुभकामनाएं आपको।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अनिता जी आपको मेरी ये छोटी सी कोशिश पसन्द आई आपका तहेदिल से शुक्रिया
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सुशील जी
Deleteसच्चाई बयां करती आप की रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय नीतू जी
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteशुक्रिया मीना जी
Deleteलाजवाब प्रस्तुति ।
ReplyDeleteधन्यवाद राजेश जी
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ReplyDeleteप्रिय शकु-- जीवन में नव आशा का संचार करती रचना अपने आप में मधुर सन्देश
है |
दर्द रोने से दूर होता नही,शब्द इनको बना लो तो कुछ बात हो
पीर के मेघा पलकों में छाए मगर, अश्रु मोती के किंचित धरा पर गिरे
बहुत सुंदर भाव -- बधाई आपको --
रेणु दी आपके इस प्रोत्साहन के लिए बहुत आभार हम धन्य हुए आपको मेरी रचना पसन्द आई
Deleteदर्द रोने से दूर नहीं होता इनको शब्द बना लो तो कुछ बात है
ReplyDelete......सच्चाई बयां करती रचना !!
शुक्रिया संजय जी🌷
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