आप करीब रहो या कोसों दूर रहो
बस स्वस्थ रहो सानंद रहो
मन में हर पल उत्साह रहे
होंठों पर स्मित मन्द रहे
खुशियाँ राहों में बिछ जाए
जीवन में हर पल खुशहाली हो
दिन ईद रात दीपावली हो
दूरियां हमारी खत्म हो जाये
कहिये ज़नाब कब तल्क शकुंतला को
मिलेगा सुमुखि सान्निध्य आपका
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद
बस स्वस्थ रहो सानंद रहो
मन में हर पल उत्साह रहे
होंठों पर स्मित मन्द रहे
खुशियाँ राहों में बिछ जाए
जीवन में हर पल खुशहाली हो
दिन ईद रात दीपावली हो
दूरियां हमारी खत्म हो जाये
कहिये ज़नाब कब तल्क शकुंतला को
मिलेगा सुमुखि सान्निध्य आपका
©®@शकुंतला
फैज़ाबाद
बहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द .मनभावन
ReplyDeleteबहुत आभार संजय जी...मेरी कोशिश को हौसला देने के लिए
ReplyDeleteअद्भूत शुभचिंतन ।
ReplyDeleteधन्यवाद प्रकाश जी
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद लोकेश जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति शकुंतला जी।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया अनिता जी
Deleteमन की बात शब्दो में बयाँ हुई है। सुंदर
ReplyDeleteकृपया ब्लाॅग पर Blogger Follower button उपलब्ध कराएँ, अवश्य सानिध्य मिलेगा। धन्यवाद।
ReplyDeleteशुक्रिया पुरुषोत्तम जी
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