तुम से पहले भी
इश्क हुआ था
हमें अपनी मां से
जिसमें सिर्फ़ और सिर्फ़
प्यार मिला था हमें
वो पहला प्यार हम
कभी न भूल पाएंगे
चाहे जितने भी
कर लो जतन पर
ऐसा इश्क दुबारा
न कर पाएंगे
हम किसी से
शकुंतला" वैभवी "
अयोध्या
मेरा मन बहुत विचलित हो उठता है जब भी मैं कटे हुए पेड़ो को देखती हूं लगता है जैसे मेरा अंग किसी ने काट दिया हो बहुत ही असहनीय पीढ़ा होती हैं....
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