यू नहीं आँधियों से घबराइए
गीत जिंदगी का गुनगुनाते जाइये
देख कर हँसेंगी ये बेरहम दुनिया
आँसू आंख में न हरगिज़ लाइए
गुज़रेंगे लोग और भी इधर से
राह से काँटे हटाते जाइये
मंज़िल मिलेगी एक दिन ज़रूर आपको
कदम बस यूं ही बढ़ाते जाइये
सामना हो भी जाये गर दुश्मनों से तो
दोस्ती के रिश्ते हमेशा यूँ ही निभाते जाइये
ज़हरीली हुई हैं सुरा आजकल
आप निग़ाहों से पिलाते जाइये
ये बस्तियां भरी हैं नफरतों से
प्यार का सूरज यहाँ पर उगाईये
©®@शकुंतला फैज़ाबाद
बहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteशुक्रिया लोकेश जी
Deleteये बस्तियां भरी हैं नफरतों से
ReplyDeleteप्यार का सूरज यहाँ पर उगाईये-- बहुत सुंदर -- प्रिय शकू --
बहुत बहुत आभार रेणु जी
Deleteबहुत खूब लिखा ... लाजवाब रचना
ReplyDeleteशुक्रिया प्रिय नीतू जी
Deleteवाह ! क्या बात है ! लाजवाब प्रस्तुति ! बहुत खूब आदरणीया ।
ReplyDeleteबहुत आभार आदरणीय
Deleteमेरी जिंदगी का
ReplyDeleteहर पल अधूरा है
सवालो से घिरी
जिंदगी जवाब अधूरा है
कब्र मे लटकते पाँव अब
तो सफर ही पूरा है
बहुत आभार आदरणीय
ReplyDeleteबहुत आभार आदरणिया अनुजा आपका ।। हम चाहे कितना ही सही तरीके से जिंदगी को जीने की कोशिश करे कुछ सवालो के जवाब अधूरे ही रह जाते है ।। तब चंद पंक्तिया लिखी आदरणिया जी
Deleteहर्ष हैं कष्ट से छाँव हैं धूप से
Deleteजिंदगी वस्तुतः एक संघर्ष है
आपकी इतनी प्रोत्साहन से भरी पंक्तियों से मन में एक उत्साह होता हैं तथा प्रेणा मिलती हैं आपका बहुत आभार आदरणीय
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 21फरवरी 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत आभार पम्मी जी आपको मेरी रचना पसंद आई
Deleteमंज़िल मिलेगी एक दिन ज़रूर आपको
ReplyDeleteकदम बस यूं ही बढ़ाते जाइये
वाह!!!
बहुत ही सुन्दर...
लाजवाब रचना
शुक्रिया सुधा जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर !लाजवाब !
ReplyDeleteमीना जी बहुत आभार
Deleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/02/58.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत आभार आपको मेरी रचना पसन्द आई
Deleteबहुत शुक्रिया आपका मेरी रचना को मित्र मंडली में स्थान दिया
शुक्रिया आपको पसंद आई
ReplyDeleteआशाओं के बीज रोपती सुन्दर अभिवयक्ति. बधाई एवं शुभकामनायें.
ReplyDeleteजी बहुत आभार आपको मेरी रचना पसन्द आई
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